मणिपाल हास्पिटल को बांझपन और प्रजनन समस्याओं के उपचार के लिए देश में सबसे अच्छे प्रजनन केंद्रों में से एक के रूप में व्यापक रूप प्रशंसा प्राप्त होती रही। हम आईवीएफ का उपचार प्राप्त करने वाले संवेदनशील रोगियों के साथ व्यवहार करते समय सावधानी रखने की आवश्यकता को समझते हैं और हमारे विशेषज्ञ रोगियों के लिए सर्वोत्तम सहायता सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करते हैं।
हम अपने रोगियों को अपनी उपचार प्रक्रिया के दौरान अपने काम में साझेदार बनाकर व्यवहार करते हैं क्योंकि हम समझते हैं कि सफल प्रजनन उपचार पाने के लिए रोगियों का समुचित जानकारी से सम्पन्न होना और उन्हें सटीक रूप से सहयोग समर्थन प्राप्त होना इस प्रक्रिया की सफलता का सबसे अच्छा तरीका है। मणिपाल में, हम पारस्परिक सम्मान और विश्वास के आधार पर स्थापित पारदर्शी और नैतिक प्रथाओं का पालन करते हैं। हम ऐसे माहौल को बढ़ावा देते हैं जहां रोगियों द्वारा प्रश्न पूछे जाने को प्रोत्साहित किया जाता है। हमारे विशेषज्ञ प्रत्येक रोगी के लिए व्यक्तिगत रूप से निर्धारित किया गया सर्वोत्तम पैकेज प्रदान करने की दिशा में काम करते हैं।
हमारे फर्टिलिटी विशेषज्ञ बांझ दंपति के लिए आरम्भिक तैयारी पर पूरा ध्यान देते हैं क्योंकि ऐसा करने पर ही उस विशिष्ट दम्पत्ति के लिए सही प्रकार के प्रजनन उपचार का ठीक से आकलन करना और चयन करना संभव हो पाता है।
आईयूआई का उपयोग कमजोर शुक्राणुओं से मजबूत शुक्राणुओं को चुनकर बाहर निकालने के लिए किया जाता है और फिर इन्हें धोया जाता है और अंडोत्सर्ग (ओव्यूलेशन) अवधि के दौरान महिला के गर्भाशय में रखा जाता है।
टेस्ट ट्यूब बेबी बनाने के लिए परखनली में फर्टिलाइजेशन किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, महिला के अंडाशय से अंडे निकाले जाते हैं हैं और उन्हें कृत्रिम रूप से उपयुक्त वातावरण में विकसित किया जाता है।
हमारे विशेषज्ञ आईसीएसआई तकनीक का उपयोग करते हैं जिसमें केवल एक शुक्राणु को निषेचन के लिए सीधे अंडे में इंजेक्ट किया जाता है, जिसके बाद भ्रूण (निषेचित अंडा) को महिला के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी ऐसी तकनीक है जो शरीर के भीतर की संरचनाओं की छवियों को प्रदर्शित करने के लिए उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है। जहां परीक्षण किया जाना होता है उस क्षेत्र में त्वचा पर एक जेल लगाया जाता है ।
अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से, सूक्ष्मता और सटीकता के साथ न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी करना संभव है।
इस प्रक्रिया में, स्तनपायी प्राणियों के संपुटित युग्मक (मैमेलियन ऊसाइट ) की प्लाज्मा झिल्ली के चारों और पायी जाने वाली ग्लाइकोप्रोटीन परत को एक एनोडाइन लेजर के माध्यम से क्षीण करके थोड़ा-सा खोला जाता है।
इस तकनीक में निषेचन प्रक्रिया के बाद और गर्भ में स्थानांतरित किए जाने से पहले, लगभग 4 से 6 दिनों तक प्रयोगशाला वातावरण में भ्रूण का विकास किया जाता है।
इस तकनीक में, अंडे, भ्रूण और शुक्राणु को शून्य से कम तापमान पर फ्रीज किया जाता है ताकि भविष्य में उनकी आवश्यकता होने तक उन्हें संरक्षित किया जा सके।
पहला सफल आईवीएफ जन्म 1978 में हुआ था, और तब से, चिकित्सा प्रगति ने इसे बांझपन पर विजय प्राप्त करने के सबसे सफल विकल्पों में से एक बना दिया है। आईवीएफ से 8 मिलियन से अधिक बच्चे पैदा हुए हैं। मणिपाल हास्पिटल का आईवीएफ और फर्टिलिटी विभाग पूरी तरह सुसज्जित फर्टिलिटी क्लिनिक है जिसमें बांझपन का सफल उपचार करने के लिए उपयोग की जाने वाले नवीनतम उपकरण और तकनीकों की व्यवस्था की गई है। मणिपाल हॉस्पिटल्स अपने मरीजों को उच्च-गुणवत्तापूर्ण, व्यक्तिगत उपचार प्रदान करने और उनके साथ दीर्घकालिक साझेदारी बनाने के दृष्टिकोण से उन्हें अपनी सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने लिए समर्पित रहकर कार्य करता है। हमारा आईवीएफ और फर्टिलिटी विभाग और उससे लाभान्वित हुए रोगी इसके प्रमाण हैं।
हम सभी प्रकार की प्रजनन समस्याओं के लिए विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं। मणिपाल में उपलब्ध कुछ नवीनतम तकनीकी सेवाएं इस प्रकार हैं: - उन्नत इन-हाउस आईवीएफ लैब - स्पेशलिटी सर्जरी सेंटर - एग फ्रीजिंग - रिसर्च एंड क्लिनिकल ट्रायल - सरोगेसी और एग डोनेशन - असिस्टेड हैचिंग - प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस - इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन – यात्रा के बाद संक्रमण की संभावना का आककन करना - उन्नत निदान (जटिल मामलों के लिए) - रक्त परीक्षण - मूत्र परीक्षण – कल्चर परीक्षण - इम्यूनोलॉजिकल (एंटीबॉडी और एंटीजन) परीक्षण - माइक्रोस्कोपी - इमेजिंग-एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी और एमआरआई स्कैन
An assigned specialist gathers general information about the patient’s health, medical history and various physical examinations are conducted. Based on their findings, further diagnosis or treatment is recommended.
Low sperm count, ovulation issues, endometriosis, issues with uterus or fallopian tubes, inability of sperm to penetrate the cervical mucus, poor quality of egg, genetic disease or any other unexplained fertility problems. Visit our ivf and infertility hospital in Old Airport Road Bangalore to know more about the causes and diagnosis.
The first step involved injecting hormones so you can produce multiple eggs every month instead of one. Later, testing is done to determine if the egg is ready for retrieval.
Success rates depend on many factors such as the reason for infertility itself. Age is also an important factor. Visit our best infertility center in Old Airport Road, Bangalore to consult with our experts.
Embryos that aren’t used during the first IVF attempt are frozen and can be used later. This saves you money if you are to undergo a second or third attempt. Unwanted embryos can be donated.
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