
Viral Hepatitis A, B, C, D & E: Causes, Symptoms and Treatment

Dr. Goutham Kumar Mehta
Aug 06, 2020
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में ग्रासनली, जठर, आंत्र, बृहदान्त्र, अग्नाशय, पित्ताशय, पित्त नलिकाओं के साथ-साथ यकृत और गुदा को शामिल करने वाले संपूर्ण पाचन तंत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। ऊपर से नीचे तक के इन सभी अंगों को पीड़ित करने वाले विकार इतने व्यापक हैं कि इसके लिए व्यापक निदान और उपचार की आवश्यकता होती है। मणिपाल हास्पिटल्स के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी उत्कृष्टता केन्द्र के निपुण गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट इस डोमेन में अपने क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर विराजमान हैं।
यह विभाग विभिन्न प्रकार के पाचन विकारों का निदान और उपचार करता है, इसलिए अधिक से अधिक पेचीदा मामलों का उपचार करने वाले उत्कृष्ट गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, एंडोस्कोपी विशेषज्ञों और न्यूनतम इनवेसिव सर्जनों पर हमें गर्व है। तो कोलाइटिस, गैस्ट्रिटिस हो, बाइल रिफ्लक्स हो या यहां तक कि सिरोसिस, तीव्र यकृत विफलता और एसोफेजेल कैंसर, हमारे विशेषज्ञ अत्याधुनिक निदान और शल्य चिकित्सा तकनीक का उपयोग करके सबसे प्रभावी उपचार प्रोटोकॉल निर्धारित कर सकते हैं।
यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों का पता लगाने के लिए उपयोग की जाने वाली न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया एक विशेष एन्डोस्कोप का उपयोग करके की जाती है जो पाचन तंत्र, लिम्फ नोड्स, छाती, यकृत और अग्न्याशय की विस्तृत छवियाँ उत्पन्न करने के लिए उच्च आवृत्ति की ध्वनि तरंगों को प्रसारित करती है। यह प्रक्रिया काफी हद तक नैदानिक प्रकृति की है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल…
एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड चोलंगियोपैंक्रेटोग्राफी या ईआरसीपी ऐसी तकनीक है जो पित्ताशय या अग्नाशय के डक्टल सिस्टम के कुछ रोगों के निदान और उपचार के लिए एंडोस्कोपी और फ्लोरोस्कोपी का मिलाजुला उपयोग करती है।
मैनोमेट्री ऐसा परीक्षण है जिसका उपयोग भोजन-नलिका में भोजन की गति में अवरोध और दबाव अनुभव करने के रूप में किया जाता है। मैनोमेट्री में भोजन निगलते समय भोजन-नलिका की शक्ति और मांसपेशियों के समन्वय को मापा जाता है।
हाइड्रोजन ब्रेथ टेस्ट आमतौर पर छोटी आंत में जीवाणुओं की अतिवृद्धि और साथ ही ग्लूकोज / लैक्टोज के अपावशोषण (मैलएबसॉर्पशन) का पता लगाने के लिए किया जाता है
ओजीडी या ओसोफेगो-गैस्ट्रो डुओडेनोस्कोपी आपकी ग्रासनली, जठर और ग्रहणी के आस्तर की दृश्य परीक्षा होती है।
कोलोनोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग बड़ी आंत/बृहदान्त्र और मलाशय में किसी प्रकार के परिवर्तनों या असामान्यताओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
यह निदान प्रक्रिया किसी भी प्रकार की असामान्यताओं की पहचान करने के लिए यकृत और प्लीहा को निकट से देखने के लिए की जाती है। इस प्रक्रिया में रेडियोधर्मी डाई या कंट्रास्ट पदार्थ का उपयोग किया जाता है जिसे यकृत, प्लीहा और अस्थि मज्जा द्वारा अवशोषित किया जाता है। तब सघन रेडियोधर्मिता (हॉट स्पॉट) और न्यूनतम रेडियोधर्मिता (कोल्ड स्पॉट) की छवि का निर्माण करते…
मणिपाल हास्पिटल्स के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट अत्यधिक विविधतापूर्ण क्षमताओं से संपन्न हैं, और उनकी असाधारण विशेषज्ञताओं के कारण रोगियों को, रोगों की जांच और उपचार करने के पाचन तंत्र और आसपास के ऊतकों पर कम से कम प्रभाव डालते हुए उपयोग की जाने वाली नवीनतम एंडोस्कोपिक प्रक्रियाओं जैसी नवीन सर्जरी और प्रथाओं का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है, जो कुछ मामलों में, भारत में कहीं और उपलब्ध नहीं हैं। विभिन्न विषयों के विषद ज्ञान पर आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करके पाचन तंत्र और यकृत की सभी प्रकार की समस्याओं के लिए विशिष्ट देखभाल प्रदान करते हुए, मणिपाल हास्पिटल के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विज्ञान विभाग के अभ्यास के दायरे में रोबोटिक सर्जरी, न्यूनतम इनवेसिव एंडोस्कोपी, एसोफैगोगैस्ट्रोडोडोडेनोस्कोपी, कोलोनोस्कोपी, छोटी आंत्र की एंटरोस्कोपी और एंडोस्कोपिक अल्ट्रासोनोग्राफी और बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी को शामिल किया जाता है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विज्ञान में अत्याधुनिक तकनीकों और प्रथाओं का उपयोग करते हुए मणिपाल हास्पिटल राज्य में सभी प्रकार के गैस्ट्रो और हेपेटिक विकार जैसे तीव्र यकृत विफलता, एपेंडिसाइटिस, पित्त नली की पथरी, बाइल रिफ्लैक्स, सीलिएक रोग, क्रोनिक अग्नाशयशोथ, सिरोसिस, क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल संक्रमण, कब्ज, क्रोहन रोग, डायवर्टिकुलर रोग, डायवर्टीकुलिटिस, डिस्फेजिया, एंडोस्कोपिक सबम्यूकोसल डिसेक्शन, एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड, बढ़ी हुई प्लीहा, इसोफेजियल कैंसर, इसोफेजियल गतिशीलता अध्ययन, इसोफेजियल अल्सर, इसोफेजियल वेरिस, इसोफेजियल वेरिसेस , एसोफैगाइटिस (आंत्रशोथ), फेकल इनकोंटिनेंस (मलत्याग संबंधी असंयति), गैस्ट्रोएंटराइटिस गैस्ट्रोसोफेजियल रिफ्लैक्स, जिआर्डियासिस, गिल्बर्ट्स सिंड्रोम, दिल में जलन, हैमरोइड (बवासीर), अपच, इरीटेबल बाउल सिंड्रोम, लैक्टोज इन्टोलरेंस, लिम्फोसाईटिक कोलाइटिस, मेसेन्टेरिक इस्किमिया, माइक्रोस्कोपिक कोलाइटिस, अग्नाशय के अल्सर, अग्नाशयशोथ, पोएम, यात्रा के दौरान होने वाले दस्त, अल्सरेटिव कोलाइटिस, वायरल हेपेटाइटिस, इन्फ्लैमेटरी बाउल डिसीज (आईबीडी) के लिए सबसे व्यापक केयरटेकर रहा है।
Your first visit will allow your gastroenterologist to evaluate your symptoms. As part of that consultation, your gastroenterologist in Bangalore may request additional tests or procedures, such as blood tests, imaging studies, or endoscopic examinations for diagnosis or treatment.
पाचन संबंधी रोग हताशाजनक और चिंतित कर देने वाले हो सकते हैं, और इनसे जीवन की गुणवत्ता को कम हो जाती है। मणिपाल हास्पिटल वर्तमान में उपलब्ध कम से कम इनवेसिव, सबसे उपयुक्त और उन्नत उपचार देकर आपको शीघ्र स्वस्थ करने के लिए तैयार रहते हैं। पाचन और लीवर की समस्याओं के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए हमसे संपर्क करें और आज ही हमारे किसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विशेषज्ञ से अपॉइंटमेंट बुक करें।